"National Herald Case"
चलिए आपको कम से कम शब्दों में बतलाता हूँ की "नेशनल हेराल्ड" मामला क्या है.....
यह मामला दरअसल राजनीती में शुचिता और धर्मशीलता का किस प्रकार से "शीलभंग" किया जाता है इसकी एक बानगी मात्र है....और इसे समझना कोई राकेट साइंस भी नहीं....
कथा प्रारंभ
तो जेंट्स & जेंटिस जैसा की आप सब लोग जानते ही होंगे पंडित जवाहर लाल नेहरु को.....अरे हाँ वही अपने बालदिवस वाले चचा....
हाँ तो उन्होंने ही १९३८ में लखनऊ में नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की थी....ok....
चचा ही इस अख़बार के प्रथम संपादक थे.....
और प्रधानमंत्री बनने तक चचा इस अखबार के चेयरमैन बने रहे....
यह सब पढ़कर इत्ता तो समझ आ ही गया होगा की यह अखबार "पंजा" छाप अखबार था.....कांग्रेस के भजन कीर्तन इस अखबार ने २००८ तक किये....परन्तु पैसे कौड़ी की दिक्कत से इस अखबार को २००८ से स्याही मिलना खत्म हो गयी.....बोले तो प्रिंटिंग fully stopped....टटपूंजिया भाषा में बोले तो "लौडे लग गये"....अखबार की छपाई बंद होने तक इसका मालिकाना हक़ The Associates General Limited के पास था.....और ९० करोड़ का कर्जा भी.....
....यहाँ से पिक्चर स्टार्ट होती है....बोले तो अब ओरिजिनल "शीलभंग" प्रारभ होता है.....कांग्रेस जो की एक राजनीतिक दल है उसने २०११ में The Associates General Limited (नेशनल हेराल्ड) को ९० करोड़ का लोन दिया.....बिना ब्याज के....(आँखें मत फाडिये और यह भी मत सोचिये.😳 कि कांग्रेस कोई फाइनेंस कंपनी तो है नहीं फिर भी उसने उदारता दिखाते हुए लोन कैसे और क्यूँ दिया ....ही ही ही.....कितना परोपकार का काम किया है ना कांग्रेस ने.....और हाँ गाली थोड़ी देर के लिए जप्त रखे😝)...
आगे पढ़िए.....
२०११ में ही कांग्रेस की "Fed Up Mom & Lucky Sperm" ने एक कंपनी बनायीं "यंग इंडिया"....मात्र पांच लाख रूपये की पूंजी से....इस कंपनी में "Mom & Sperm" के अलावा पालतू मोती भी था और फ़र्नान्डिस भी....एक दुबे भी था और एक सैम भी...बोले तो खालिस "सेक्युलर" कंपनी....ही ही ही.....७६% हिस्सेदारी थी "गांधी's" की और बाकी थी कांग्रेस के "मोतियों" की
फिर.....
फिर नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया कंपनी में एक डील होती है....ऐतिहासिक डील यह थी की नेशनल हेराल्ड (The Associates General Limited ) के १० १० रूपये वाले नौ करोड़ शेयर (९९%) यंगइंडिया कंपनी को दिए जायेंगे और बदले में यंग इंडिया कंपनी The Associates General Limited का ९० करोड़ लोन चुकाएगी.....ही ही ही....
यहाँ आपको यह सोचने का कोई हक़ नहीं की पांच लाख की पूंजी वाली कंपनी ने ९० करोड़ की देनदारियां चुकाने का ठेका ले कैसे लिया.....ऐसा सिर्फ और सिर्फ "गरीबो की मसीहा" पार्टी ही कर सकती है.....(गाली मत बकिये जनाब)😜😜....
आगे पढ़िए....
जैसे ही डील फाइनल हुई.... बोले तो जैसे ही इस शेयर का हस्तांतरण हुआ.....कांग्रेस पार्टी ने नेशनल हेराल्ड को दिया लोन बिना शर्त माफ़ कर दिया.....पुरे ९० करोड़ माफ़....बोले तो "जाओ आजाद किया हमारे पंजे से" टाइप वाली फीलिंग के साथ...... और इसी के साथ बैठे बिठाये यंग इंडिया कंपनी The Associates General Limited की मालिक बन गयी.....ही ही ही ही ही....
अब जाते जाते यह भी सुनते जाइएगा की The Associates General Limited की दिल्ली में बहादुर शाह जफ़र मार्ग पर १६०० करोड़ की बिल्डिंग भी है जिसे अभी पासपोर्ट कार्यालय के लिए किराये पर दिया गया है.....और इस बिल्डिंग का मालिकाना हक़ भी लोन माफ़ी के साथ यंग इंडिया कंपनी को मिल गया.....बोले तो पांच लाख रूपये में तकरीबन १६०० करोड़ रूपये बनाने की "Mom & Sperm" टेक्नोलॉजी को ही नेशनल हेराल्ड केस कहा जाता है......
सनद रहे मित्रो यह वही मम्मी है जिसे राजनीती जहर लगती है.....
इति श्री शीलभंग कथा.....
(गाली बक सकते है).....
चलिए आपको कम से कम शब्दों में बतलाता हूँ की "नेशनल हेराल्ड" मामला क्या है.....
यह मामला दरअसल राजनीती में शुचिता और धर्मशीलता का किस प्रकार से "शीलभंग" किया जाता है इसकी एक बानगी मात्र है....और इसे समझना कोई राकेट साइंस भी नहीं....
कथा प्रारंभ
तो जेंट्स & जेंटिस जैसा की आप सब लोग जानते ही होंगे पंडित जवाहर लाल नेहरु को.....अरे हाँ वही अपने बालदिवस वाले चचा....
हाँ तो उन्होंने ही १९३८ में लखनऊ में नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की थी....ok....
चचा ही इस अख़बार के प्रथम संपादक थे.....
और प्रधानमंत्री बनने तक चचा इस अखबार के चेयरमैन बने रहे....
यह सब पढ़कर इत्ता तो समझ आ ही गया होगा की यह अखबार "पंजा" छाप अखबार था.....कांग्रेस के भजन कीर्तन इस अखबार ने २००८ तक किये....परन्तु पैसे कौड़ी की दिक्कत से इस अखबार को २००८ से स्याही मिलना खत्म हो गयी.....बोले तो प्रिंटिंग fully stopped....टटपूंजिया भाषा में बोले तो "लौडे लग गये"....अखबार की छपाई बंद होने तक इसका मालिकाना हक़ The Associates General Limited के पास था.....और ९० करोड़ का कर्जा भी.....
....यहाँ से पिक्चर स्टार्ट होती है....बोले तो अब ओरिजिनल "शीलभंग" प्रारभ होता है.....कांग्रेस जो की एक राजनीतिक दल है उसने २०११ में The Associates General Limited (नेशनल हेराल्ड) को ९० करोड़ का लोन दिया.....बिना ब्याज के....(आँखें मत फाडिये और यह भी मत सोचिये.😳 कि कांग्रेस कोई फाइनेंस कंपनी तो है नहीं फिर भी उसने उदारता दिखाते हुए लोन कैसे और क्यूँ दिया ....ही ही ही.....कितना परोपकार का काम किया है ना कांग्रेस ने.....और हाँ गाली थोड़ी देर के लिए जप्त रखे😝)...
आगे पढ़िए.....
२०११ में ही कांग्रेस की "Fed Up Mom & Lucky Sperm" ने एक कंपनी बनायीं "यंग इंडिया"....मात्र पांच लाख रूपये की पूंजी से....इस कंपनी में "Mom & Sperm" के अलावा पालतू मोती भी था और फ़र्नान्डिस भी....एक दुबे भी था और एक सैम भी...बोले तो खालिस "सेक्युलर" कंपनी....ही ही ही.....७६% हिस्सेदारी थी "गांधी's" की और बाकी थी कांग्रेस के "मोतियों" की
फिर.....
फिर नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया कंपनी में एक डील होती है....ऐतिहासिक डील यह थी की नेशनल हेराल्ड (The Associates General Limited ) के १० १० रूपये वाले नौ करोड़ शेयर (९९%) यंगइंडिया कंपनी को दिए जायेंगे और बदले में यंग इंडिया कंपनी The Associates General Limited का ९० करोड़ लोन चुकाएगी.....ही ही ही....
यहाँ आपको यह सोचने का कोई हक़ नहीं की पांच लाख की पूंजी वाली कंपनी ने ९० करोड़ की देनदारियां चुकाने का ठेका ले कैसे लिया.....ऐसा सिर्फ और सिर्फ "गरीबो की मसीहा" पार्टी ही कर सकती है.....(गाली मत बकिये जनाब)😜😜....
आगे पढ़िए....
जैसे ही डील फाइनल हुई.... बोले तो जैसे ही इस शेयर का हस्तांतरण हुआ.....कांग्रेस पार्टी ने नेशनल हेराल्ड को दिया लोन बिना शर्त माफ़ कर दिया.....पुरे ९० करोड़ माफ़....बोले तो "जाओ आजाद किया हमारे पंजे से" टाइप वाली फीलिंग के साथ...... और इसी के साथ बैठे बिठाये यंग इंडिया कंपनी The Associates General Limited की मालिक बन गयी.....ही ही ही ही ही....
अब जाते जाते यह भी सुनते जाइएगा की The Associates General Limited की दिल्ली में बहादुर शाह जफ़र मार्ग पर १६०० करोड़ की बिल्डिंग भी है जिसे अभी पासपोर्ट कार्यालय के लिए किराये पर दिया गया है.....और इस बिल्डिंग का मालिकाना हक़ भी लोन माफ़ी के साथ यंग इंडिया कंपनी को मिल गया.....बोले तो पांच लाख रूपये में तकरीबन १६०० करोड़ रूपये बनाने की "Mom & Sperm" टेक्नोलॉजी को ही नेशनल हेराल्ड केस कहा जाता है......
सनद रहे मित्रो यह वही मम्मी है जिसे राजनीती जहर लगती है.....
इति श्री शीलभंग कथा.....
(गाली बक सकते है).....
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